ब्रिटिश साम्राज्यवाद का विकास
ब्रिटिश साम्राज्यवाद का विकास निम्न पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन करेंगे
- बंगाल (भारत विजय)?
- विजय ?
- उद्देश्य ?
- बंगाल से ही कंपनी साम्राज्य का विस्तार क्यों ?
- कंपनी की नीति /रणनीति ?
- कंपनी का व्यवहार ?
- कंपनी और बंगाल के नवाब के बीच मतभेद में बिंदु क्या ?
- घटनाक्रम का विकास ?
- प्लासी का युद्ध ?
- स्वरूप ?
- परिणाम ?
- सीमाएं?
- बंगाल विजय का उद्देश्य
- भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का विस्तार करना,क्योंकि इससे ब्रिटेन को प्राप्त होगा|
- कच्चा माल
- राजस्व
- भारत का बड़ा बाजार मिलेगा
- भविष्य में पूंजी निवेश के लिए सुरक्षित स्थान मिलेगा
- बंगाल में कंपनी के अभिरुचि के कारण
- राजनीति का स्तर पर अभिरुचि के कारण
- A.मुर्शिद कुली खां(1717-27)
- 1700 ईसवी में मुगल बादशाह औरंगजेब ने मुर्शिद कुली खां को बंगाल का दीवान पद पर आसीन किया|
- 1717 मे मुगल बादशाह फर्रुखसियर ने इस बंगाल का सुधार बना दिया|
- मुर्शिद कुली खां अपनी राजधानी ढाका से बदलकर मुर्शिदाबाद में स्थांतरित की|
- फर्रुखसियर ने 1719 में उड़ीसा की भी सुविधा री मुर्शिद कुली खां को दे दी|
- फर्रुखसियर राजस्व का अच्छा जानकार व्यक्ति था|
- मुर्शीद, ब्रिटिश कंपनी को तथा फ्रांसीसी कंपनी को बंगाल के कानूनों को मनाने के लिए बाध्य करता रहा|
- B. शुजाउद्दीन(1727-39)
- मुर्शिद कुली खां का दमाद था, उसके तरह योग्य नहीं था|
- इसके समय में बिहार के सूबेदारी भी नवाब को प्राप्त हो गया तथा इसने अलीवर्दी खां को उप सूबेदार पद पर नियुक्त किया|
- C. सरफराज खान(1739-40)
- यह शुजाउद्दीन का पुत्र था, जिसे बिहार के उप गवर्नर अलीवर्दी खान ने गिरिया की लड़ाई में पराजित कर मार डाला और बंगाल के नवाब के पद पर अलीवर्दी खां अपने आप को स्थापित किया|
- D. अलीवर्दी खां(1740-56)
- मुर्शिद कुली खां के बाद बंगाल का सबसे योग्य नवाब अलीवर्दी खां यूरोपिय व्यापारियों के वास्तविक चेहरे को समझता था, और इसलिए इन व्यापारियों को
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