भारतीय संविधान


भारतीय संविधान

भारत का संविधान सीमित शासन की स्थापना करता है, इसलिए भारतीय संविधान के अनुसार शासन को संवैधानिक शासन कहा जाता है |

सामान्यतः संविधान को दो भागो में विभक्त किया जाता है |
1) लिखत संविधान
2) अलिखित संविधान
  • लिखित संविधान वह संविधान है, जिस संविधान के अधिकांश भाग लिखित हो ; जैसे – भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका का संविधान |

  • अलिखित संविधान वह संविधान होता है, जिस संविधान के अधिकांश भाग अलिखित है| अर्थात अलिखित संविधान रीती रिवाज़, परम्पराओं और न्यायी निर्णयों पर आधारित होता है| जैसे-ब्रिटेन, इज़राइल आदि| और न्यूज़ीलैंड भी शामिल है |
संविधान के इस वर्गीकरण को राजनैतिक विचारक लॉर्ड ब्राइस ने अस्वीकार कर दिया और यह विचार दिया की कोई भी संविधान न तो पूर्ण रूप से लिखित होता है और न ही पूर्ण रूप से अलिखित | लेकिन विश्व के सभी संविधान समय और परिस्तिथियों के अनुसार अपनी गतिशीलता व क्रियाशीलता को बनाये रखने के लिए संविधान संशोधन प्रक्रिया को अपनाते है और संविधान संशोधन के प्रक्रिया के आधार पर किसी भी संविधान को दो भागो में विभक्त किया जाता है : –

1) लचीला संविधान

2) कठोर संविधान

लचीला संविधान का तात्पर्य उस संविधान से है, जिस संविधान में संशोधन साधारण बहुमत [50% + 1 ] के द्वारा किया जाता है, जैसे भारत का संविधान जबकि कठोर संविधान उस संविधान को कहते है, जिस संविधान में संशोधन करने के लिए एक विशेष प्रकार की जटिल प्रक्रिया को अपनाया जाता है अर्थात संविधान के संशोधन के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता हो | जैसे – भारत और अमेरिका का संविधान|
शक्तियों के विभाजन के आधार पर किसी भी संविधान के दो भागो में विभक्त किया जाता है |
1) संघीय संविधान

2) एकात्मक संविधान

संघीय संविधान – Federal Constitution





संघीय संविधान की स्थापना दो तथ्यों के लिए किया जाता है

1) क्षेत्रीय आधार पर

2) विभिन्नताओं के आधार पर

संघीय संविधान का तात्पर्य उस संविधान से है, जो संविधान केंद्र और राज्य के मध्य शक्तियों का विभाजन करके दोहरे शासन प्रणाली की स्थापना करता है | संघीय संविधान की आवश्यकता उन राज्यों के लिए पड़ती है, जिनका भौगोलिक क्षेत्र व्यापक और विस्तृत होता है, जिसके कारण किसी एक स्थान से शासन का सञ्चालन संभव नहीं |

संघीय संविधान केंद्र व राज्य के बीच शक्तियों का जो विभाजन करता है. उस विभाजन के लिए जो प्रक्रिया अपनायी जाती है, उस प्रक्रिया के आधार पर संघीय संविधान को दो भागो में विभक्त किया जाता है –

1) परी संघीय संविधान

2) यूनियन संविधान

1) परी संघीय संविधान
  • परिसंघीय संविधान वह संघीय संविधान होता है, जिसमें शक्तियों का विभाजन स्वतंत्र राज्यों के मध्य आपसी समझोते के परिणाम स्वरुप किया जाता है, जैसे अमेरिका का संविधान| परिसंघीय संविधान में शक्तियां राज्य से केंद्र की ओर हस्तांतरित होती है इसलिए केंद्र की तुलना में राज्य अत्यधिक शक्तिशाली होता है |

2) यूनियन संविधान

  • यूनियन संघीय संविधान का वह रूप है, जहा पर शक्तियों का विभाजन केंद्र और राज्य के मध्य समझौते के परिणाम स्वरुप नहीं होता है, बल्कि यूनियन में शक्तियां केंद्र से राज्य की और हतांतरित होता है, जिसके कारण राज्यों की तुलना में केंद्र अत्यधिक शक्तिशाली होता है जैसे भारत व कनाडा का संविधान |

भारत का भौगोलिक क्षेत्र व्यापक व विस्तृत होने के कारण तथा विभिन्नताओं से युक्त होने के कारण संघीय संविधान की स्थापना संविधान निर्माताओ नें की | जिसे भारतीय संविधान की 7 वी अनुसूची द्वारा केंद्र व राज्यों के मध्य शक्तियों का विभाजन तीन प्रकार से किया गया अर्थात संघ सूचि ,राज्य सूचि और समवर्ती सूचि|

एकात्मक संविधान / unitary constitution


एकात्मक संविधान वह संविधान होता है, जहा पर सम्पूर्ण शक्तियां एक ही स्थान पर केंद्रित हो जाती है; जैसे ब्रिटेन का संविधान |


Basic Constitution / मूल संविधान [Amendmentless Constitution] संशोधन रहित संविधान [26 Jan, 1950]
Act-394 में 26 Jan 1950 लिखा गया है
Act-393 में – Title of Constitution – > Constitution of India -> भारत का संविधान


भारतीय संविधान के स्त्रोत का यदि विश्लेषण किये जाये, तो भारतीय संविधान पर विश्व के अनेक देशो के संविधानों का प्रभाव दिखाई पड़ता है जिसके कारण आलोचक भारतीय संविधान के ऊपर निम्न आरोप लगते है|

1) भारतीय संविधान वकिलों का संविधान है|
2) भारतीय संविधान में मौलिकता का आभाव है|
3) भारतीय संविधान विदेशी संविधानों के उधार का थैला है or भारतीय संविधान विदेशी संविधानों का ऋणी है|


ऐतिहासिक प्रमाण था की जब जब भारत की केंद्र की सत्ता कमज़ोर हुई तब-तब भारत के ऊपर विदेशी शक्तियों का प्रभुत्व स्थापित हो गया है, इसलिए संविधान निर्माताओ के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि स्वतंत्र भारत के लिए किस प्रकार से संविधान को अपनाया जाये | संविधान निर्माताओ ने भारत की भौगोलिक व सामाजिक स्थिति के साथ साथ ऐतिहासिक प्रमाणों को लेकर मजबूत केंद्र से युक्त एक संघीय संविधान कि स्थापना की |

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