दैनिक समसामयिकी

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17 March 2017(Friday)

1. दुनिया में पहली बार न्यूजीलैंड की नदी को मिले इंसानों जैसे कानूनी अधिकार, दो लोगों को बनाया गया उसका प्रतिनिधि

• न्यूजीलैंड की व्हांगनुई नदी दुनिया की ऐसी पहली नदी बन गई है, जिसे इंसानों जैसे अधिकार दिए गए हैं। संसद ने इससे जुड़ा प्रस्ताव पास कर दिया है। इसमें उसके अधिकारों के साथ-साथ वैल्यूज का भी जिक्र किया गया है।
• व्हांगनुई या ते अवा तुपुआ, न्यूजीलैंड की तीसरी सबसे बड़ी नदी है। इसका आध्यात्मिक महत्व भी है। वहां का माओरी समुदाय इस नदी के अलावा पहाड़ और समुद्र की वैसी ही पूजा-अर्चना करता है, जैसे हम गंगा की करते हैं।
• साल 1870 से ही अलग-अलग ग्रुप इस नदी और मनुष्यों के संबंधों को औपचारिक रूप देने की मांग करते रहे हैं। उनकी यह लड़ाई अब पूरी हो गई है। हालांकि, उसे यह कानूनी लड़ाई जीतने में 147 साल लग गए।
न्यूजीलैंड की संसद ने हाल ही में इससे जुड़ा बिल पास किया।
• इसने व्हांगनुई को एक व्यक्ति के तौर पर अपना प्रतिनिधित्व करने का अधिकार दे दिया है। इसके दो प्रतिनिधि होंगे। पहला प्रतिनिधि माओरी समुदाय द्वारा नियुक्त किया जाएगा, जिसे इवी कहा जाएगा। दूसरा प्रतिनिधि सरकार तय करेगी।
• इस बिल को बनाने और इस पर सरकार को राजी करने के लिए माओरी समुदाय के क्रिस फिनालिसन ने निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, 'व्हांगनुई की अब अपनी कानूनी पहचान होगी। उसके अब एक नागरिक जैसे ही अधिकार, कर्तव्य और जिम्मेदारियां होंगी। मुझे पता है कि कुछ लोग कहेंगे कि प्राकृतिक संसाधन को कानूनी अधिकार देना अजीब है। पर यह पारिवारिक ट्रस्ट या कंपनी या कारपोरेट सोसायटी से अलग नहीं है।'
• व्हांगनुई नदी, उत्तरी द्वीप पर है। इसकी कुल लंबाई 290 किलोमीटर है।
• विकास के लिए 524 करोड़ रुपए की मदद
• संसद ने नदी के लिए 524 करोड़ रुपए का बजट दिया है। इससे नदी पर विकास के काम किए जाएंगे। इसके अलावा 197 करोड़ रुपए का अलग फंड बनाया जाएगा। इसका इस्तेमाल नदी के रखरखाव पर खर्च होगा।

2. संसद के दोनों सदनों में नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति पेश : मरीजों की शिकायतों की सुनवाई को न्यायाधिकरण

• देश में अब मरीजों की शिकायतों पर सुनवाई के लिए एक ठोस व्यवस्था होने वाली है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक न्यायाधिकरण (टिब्यूनल) का गठन किया जाएगा। इसी तरह इलाज और सभी चिकित्सा सुविधाओं के मानकीकरण के लिए अलग से एक संगठन बनाया जाएगा। अभी तक सिर्फ दवाओं के मानकीकरण की व्यवस्था है।
• गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने संसद के दोनों सदनों में नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति पेश की। इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में जहां सरकार सभी को इलाज, दवा और जांच की सुविधा मुहैया करवाने पर जोर देगी, वहीं सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के मानकीकरण पर भी जोर होगा।
• इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मानक संगठन का गठन किया जाएगा। इसी तरह मरीजों की सुनवाई के लिए राष्ट्रीय स्तर पर व्यवस्था होगी और एक टिब्यूनल भी गठित किया जाएगा।
• एक दिन पहले ही कैबिनेट ने नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को मंजूरी दी है। इसमें सभी के लिए प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं को सुनिश्चित करने का भरोसा दिलाया गया है। अब सरकार का जोर सिर्फ इलाज मुहैया करवाने की बजाय बचाव और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने पर भी होगा।
• नीति का एक प्रमुख उद्देश्य जीवन प्रत्याशा को 67.5 साल से बढ़ाकर 70 साल करना है। इसी तरह पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को भी मुख्यधारा के इलाज के साथ शामिल किया जाएगा।
• स्कूलों और कार्यस्थलों पर योग को बढ़ावा दिया जाएगा। स्वास्थ्य पर केंद्र और राय सरकारों के खर्च को तेजी से बढ़ाया जाएगा। नई नीति के मुताबिक, वर्ष 2025 तक इसे बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.5 फीसद तक कर लिया जाएगा, जो अभी 1.4 फीसद ही है।
• हालांकि इसके लिए केंद्र सरकार को अपने खर्च में प्रति वर्ष 20 फीसद की रफ्तार से बढ़ोतरी करनी होगी और राज्यों को 25 फीसद की रफ्तार से। जबकि इस समय केंद्र सरकार सिर्फ 10 फीसद की दर से इस पर खर्च बढ़ा रहा है और राज्य 20 फीसद की दर से।
• रोकथाम-स्वास्य संवर्धन पर बलदमरीज को अधिकार संपन्न बनाने की कोशिशदजीवन प्रत्याशा को 67.5 साल से बढ़ाकर 2025 तक 70 साल करना
• वर्ष 2022 तक प्रमुख रोगों की व्याप्तता तथा इसके रुझान को मापने के लिए अशक्तता समायोजित आयु वर्ष (डीएएलवाई)सूचकांक की नियमित निगरानी करना
• साल 2025 तक पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु दर को कम करके 23 करना
• आरोग्यता केंद्रित करने पर जोर
• नवजात शिशु मृत्यु दर को घटाकर 16 करना
• मृत जन्म वाली शिशु दर को घटाकर ‘‘एक अंक’ में लाना
• साल 2018 तक कुष्ठ रोग, वर्ष 2017 तक कालाजार और वर्ष 2017 तक लिम्फेटिक फाइलेरियासिस का उन्मूलन करना
• क्षय रोगियों में 85 प्रतिशत से अधिक की इलाज दर प्राप्त करने पर जोर ताकि वर्ष 2025 तक इसका उन्मूलन किया जा सके

3. गिलगित-बाल्टिस्तान में पाक की चाल मंजूर नहीं

• गुलाम कश्मीर के एक बड़े हिस्से गिलगित-बाल्टिस्तान को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की पाकिस्तान की किसी भी कोशिश का भारत न सिर्फ विरोध करेगा बल्कि इसे रोकने के लिए हरसंभव कदम भी उठाएगा। विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता गोपाल बागले के मुताबिक, इस तरह की किसी भी कोशिश से पाकिस्तान कश्मीर पर अपने अवैध कब्जे को जायज नहीं ठहरा सकता। भारत ने पाकिस्तान से कश्मीर के हिस्से पर कब्जा खाली करने की भी मांग की है।
• भारत सरकार ने ही नहीं, बल्कि सत्ताधारी भाजपा ने भी पाकिस्तान की इस चाल का कड़ा विरोध किया है। भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा, ‘1948 से ही भारत कहता आ रहा है कि गिलगित और बाल्टिस्तान भारत का हिस्सा हैं। पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर के एक हिस्से को तोड़कर इन्हें अलग किया है।’
• सनद रहे कि कश्मीर का हिस्सा होने के बावजूद गिलगित-बाल्टिस्तान मुद्दे को उठाने से भारत अभी तक हिचकता रहा है, लेकिन अगस्त, 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे उठाकर कूटनीतिक हलचल मचा दी थी। मोदी ने सिर्फ इतना कहा था कि गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों से उन्हें काफी बधाई संदेश मिल रहे हैं। मोदी के इस बयान को भारतीय कूटनीति में एक बड़े बदलाव के तौर पर देखा गया था और इस पर पाकिस्तान में काफी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी।
• गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रलय की उक्त तीखी प्रतिक्रिया इस बात का प्रमाण है कि भारत ने गिलगित-बाल्टिस्तान को लेकर अपनी नई नीति में बदलाव नहीं किया है। दरअसल, पिछले एक-दो दिनों से पाकिस्तानी मीडिया में इसको लेकर खबरें छप रही हैं।
• माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज की अध्यक्षता में गठित एक समिति ने गिलगिटत- बाल्टिस्तान को पांचवा प्रदेश बनाने की सिफारिश की है। वैसे अभी तक पाकिस्तान सरकार की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
• अभी पाकिस्तान इस पूरे इलाके को एक अलग क्षेत्र मानता है। माना जा रहा है कि चीन ने इस इलाके की मौजूदा प्रशासकीय व्यवस्था को लेकर चिंता जताई है कि इससे उसकी ‘वन बेल्ट, वन रोड’ परियोजना के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने में दिक्कत हो रही है।
• अब अगर पाकिस्तान की तरफ से गिलगित-बाल्टिस्तान को पूर्ण राय घोषित किया जाता है तो इससे मौजूदा कश्मीर समस्या का समाधान निकालना और मुश्किल हो जाएगा। भारत इस हिस्से में चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरीडोर (सीपीईसी) के गुजरने का पहले से ही विरोध कर रहा है।

4. लक्जरी गुड्स पर 15 व पान मसाले पर 135 फीसद का उपकर

• जीएसटी काउंसिल ने गुरुवार को पहली जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की दिशा में एक और अहम कदम उठाया है। काउंसिल की बैठक में गुरुवार को एसजीएसटी (राज्य जीएसटी) और यूटीजीएसटी (केंद्रशासित प्रदेश जीएसटी) विधेयकों के मसौदे पर मुहर लगा दी है।
• जीएसटी लागू होने पर तंबाकू उत्पादों पर सेस (उपकर) की दर अधिकतम 290 फीसद और पान मसाले पर 135 प्रतिशत रखने का फैसला किया गया है।
• खास बात यह है कि बीड़ी और चबाने वाले तंबाकू पर भी सेस लगेगा, लेकिन अभी इसकी दर तय नहीं की गई है। तंबाकू उत्पादों पर जितना टैक्स फिलहाल है, उतना ही जीएसटी लागू होने के बाद भी बरकरार रखा जाएगा। यही नहीं, लक्जरी गुड्स पर सेस की अधिकतम सीमा 15 प्रतिशत तय करने संबंधी प्रस्ताव को भी काउंसिल ने मंजूरी दे दी है।
• वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की यहां हुई 12वीं बैठक में एसजीएसटी और संघ शासित क्षेत्रों के लिए यूटीजीएसटी विधेयकों के मसौदे को मंजूरी दी गई। काउंसिल ने मामूली बदलाव के बाद पूर्व में मंजूर किए गए सीजीएसटी (केंद्रीय जीएसटी), आइजीएसटी (इंटीग्रेटेड जीएसटी) और क्षतिपूर्ति विधेयकों को भी मामूली बदलाव के साथ अंतिम रूप दे दिया।
• अब इनमें एसजीएसटी को छोड़कर बाकी चार विधेयक केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के लिए जाएंगे। इसके बाद सरकार इन्हें संसद के मौजूदा बजट सत्र में पेश कर पारित कराने की कोशिश करेगी। इसी तरह एसजीएसटी बिल भी अलग-अलग राज्यों की कैबिनेट की मंजूरी के बाद विधानसभाओं से पारित कराए जाएंगे।
• नौ तरह के होंगे नियम : जेटली ने कहा कि काउंसिल की 13वीं बैठक 31 मार्च को दिल्ली में होगी। इसमें जीएसटी कानूनों के तहत लागू होने वाले नियमों के मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा। जीएसटी के लागू होने पर नौ तरह के नियम होंगे।
• इनमें जीएसटी पंजीकरण, भुगतान, रिफंड, इनवॉयस, रिटर्न से संबंधित पांच तरह के नियमों को काउंसिल पहले ही मंजूरी दे चुकी है। अब अफसरों की एक समिति बाकी चार तरह के नियमों को अगले सप्ताह के अंत तक अंतिम रूप दे देगी। इसके बाद काउंसिल की अगली बैठक में इन पर मुहर लगा दी जाएगी।
• लागू करने को मिलेगा पर्याप्त समय : केंद्रीय वित्त मंत्री के मुताबिक 31 मार्च की बैठक के बाद काउंसिल जीएसटी प्रस्तावित दरों की स्लैब में वस्तुओं और सेवाओं को फिट करने का काम शुरू कर देगी। ऐसा होने पर जीएसटी एक जुलाई, 2017 से लागू करने के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध होगा।

5. छह मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पाबंदी का मामला : ट्रंप के नए यात्रा प्रतिबन्ध पर कोर्ट की रोक 

• अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अदालत ने फिर से झटका दिया है। हवाई के एक संघीय जज ने नए यात्रा प्रतिबंध पर भी रोक लगा दी है। प्रतिबंध के अमल में आने से कुछ घंटे पहले ही अदालत ने यह फरमान सुनाया। ऐसा नहीं होने पर छह मुस्लिम देशों के नागरिक अमेरिका में प्रवेश नहीं कर पाते। फैसले से नाराज ट्रंप ने कहा है कि अदालत इस मामले में अधिकार क्षेत्र से बाहर जा रही है। सरकार सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती देगी।
• नैशविले में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,‘संविधान राष्ट्रपति को देश के राष्ट्रीय हित में आव्रजन को निलंबित करने का अधिकार देता है।’ इससे पहले जज डेरिक वाटसन ने बुधवार को 43 पन्ने के फैसले में प्रतिबंध को असंवैधानिक माना।
• उन्होंने कहा कि यदि इसे लागू किया गया तो इससे अपूरणीय क्षति होगी। अदालत के फैसले से आदेश की धारा-2 निष्प्रभावी हो गई है जिसके तहत छह देशों के नागरिकों के प्रवेश पर 90 दिनों का प्रतिबंध लगाया गया था। धारा-छह भी प्रभाव में नहीं रह पाएगा जिसके तहत शरणार्थियों के आने पर 120 दिनों का प्रतिबंध लगाया गया था।
• अदालत ने आदेश को इस्लाम के खिलाफ भी बताया, क्योंकि प्रभावित देशों की 90 फीसद से ज्यादा आबादी मुस्लिम है। हवाई की भारतवंशी सांसद तुलसी गबार्ड, विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी और मानवाधिकार संगठनों ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है।
क्या है मामला?
• 27 जनवरी को ट्रंप ने पहला यात्र प्रतिबंध जारी किया। सात मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर 90 दिन की रोक लगा दी। कहा गया कि ये देश सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते।
• जिन देशों से वीजा निलंबित किया गया वे थे- ईरान, लीबिया, सीरिया, सोमालिया, सूडान, यमन, इराक।
• 120 दिनों के लिए अमेरिकी शरणार्थी कार्यक्रम पर रोक। सीरियाई शरणार्थियों पर अनिश्चित काल के लिए रोक।
• आदेश का पूरी दुनिया में विरोध हुआ। कई रायों ने चुनौती दी। संघीय अदालत ने इस पर रोक लगा दी।
• छह मार्च को ट्रंप ने संशोधित प्रतिबंध पर हस्ताक्षर किए। छह देशों के नागरिकों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई गई। इराक को सूची से बाहर कर दिया गया।
• सीरिया सहित सभी देशों के शरणार्थियों के प्रवेश पर 120 दिन की रोक लगाई गई। हालांकि जिन शरणार्थियों को पहले से अमेरिका आने की मंजूरी मिल चुकी है उन्हें नहीं रोकने की बात इसमें कही गई थी।
• पहले आदेश के बाद मची अफरातफरी को देखते हुए तय किया गया कि संशोधित आदेश 15 मार्च की आधी रात से अमल में लाया जाएगा।
• नौ मार्च को हवाई प्रांत ने आदेश के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया। चुनौती देने वाला हवाई पहला प्रांत था।

6. पाकिस्तान को तीन हजार करोड़ देगा विश्व बैंक

• विश्व बैंक ने पाकिस्तान को 45 करोड़ डॉलर (करीब 2,946 करोड़ रुपये) की वित्तीय सहायता को मंजूरी प्रदान की है। यह राशि देश की गरीब और हाशिए पर जी रही जनता के लिए विभिन्न सुधार कार्यक्रमों को दी जाएगी। विश्व बैंक ने कहा कि फाइनेंस फॉर डेवलपमेंट पॉलिसी (एफजीडीपी) समावेशी और पारदर्शी वित्तीय क्षेत्र स्थापित करने के पाकिस्तान के प्रयासों में सहायता करेगी।
• कार्यक्रम का उद्देश्य 2020 तक पाकिस्तान में 25 फीसद महिलाओं समेत 50 फीसद युवाओं तक वित्तीय सहूलियत पहुंचाने का है।
• पाकिस्तान में विश्व बैंक निदेशक इलांगो पचमुथु ने कहा, ‘पाकिस्तान ने आर्थिक सुधारों की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। हालांकि सतत विकास और सुधार कार्यक्रमों के बावजूद वित्तीय सुगमता और समावेश कम होने के कारण कई सुधार एजेंडे अधूरे हैं।’
• एफजीडीपी के तहत 30 करोड़ डॉलर (करीब 1964 करोड़ रुपये) की मदद दी जाएगी। इसके अलावा नेशनल सोशल प्रोटेक्शन प्रोग्राम के तहत 10 करोड़ डॉलर (करीब 655 करोड़ रुपये) की सहायता दी जाएगी।

7. ‘महिला राजनीतिक सशक्तीकरण में भारत की रैंकिंग मध्यम’

• मंत्री पदों पर महिलाओं की नियुक्ति के प्रतिशत के मामले में भारत की वैश्विक रैंकिंग मध्यम है जबकि महिला सांसदों की संख्या संबंधी एक अन्य सूची में भारत की स्थिति निराशाजनक है। ‘‘इंटर पार्लियामेंटरी यूनियन’ (आईपीयू) और ‘‘यूएन विमेन’ ने यहां चल रहे ‘‘कमीशन ऑन द स्टेटस ऑफ विमेन’ के सत्र के दौरान ‘‘विमेन इन पॉलिटिक्स 2017 मैप’ जारी किया।
• 186 देशों की सूची में भारत 88वें स्थान पर है, जहां एक जनवरी 2017 तक मंत्री पद पर 18.5 फीसद महिलाओं की नियुक्ति की गई। रवांडा, केन्या, मोजाम्बिक और दक्षिण सूडान की रैंकिंग भारत के मुकाबले बेहतर है। हालांकि भारत एक जनवरी तक संसद के लिए चुनी गई अथवा नियुक्त की गईं महिलाओं की संख्या के आधार पर तैयार की गई रैंकिग में काफी पीछे हैं।
• संसद में महिलाओं के प्रतिशत के मामले में 193 देशों की सूची में भारत का स्थान 148वां है जहां संसद के निचले सदन में 11.48 प्रतिशत महिलाएं हैं और उच्च सदन में सिर्फ 11 प्रतिशत महिलाएं हैं। अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान, चीन और ईराक जैसे देशों के नाम इस सूची में भारत से पहले हैं।
• मैप की ओर से पेश आंकड़ों के अनुसार विश्वभर में कार्यकारी सरकार और संसदों में महिलाओं की संख्या में ठहराव आया है जिसमें 2015 से मामूली सुधार देखा जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार 2015 से किसी देश की प्रमुख अथवा सरकार की प्रमुख के रूप में महिलाओं की संख्या 19 से गिर कर 17 पर आ गई है जबकि संसद में महिलाओं की संख्या में प्रगति काफी धीमी है।
• यूएन महिला कार्यकारी निदेशक फुमजिले म्लांबो एनग्यूका ने आंकडें़ जारी करने के दौरान संवाददाताओं से कहा कि कार्यालय चलाने वाली महिलाओं के सामने कई चुनौतियां हैं। एशिया में 11 प्रतिशत महिलाओं का मंत्रीपदों पर कब्जा है। इंडोनेशिया पहला देश है जहां सरकार में महिलाओं की संख्या सर्वाधिक 25.7 प्रतिशत है।

8. डच चुनावों में दक्षिणपंथी पार्टी को नीदरलैंड्स की जनता ने नकारा

• नीदरलैंड्स की जनता ने दक्षिणपंथी पार्टी को ठुकरा दिया है। अमेरिका में ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद से यूरोपीय देशों में भी दक्षिणपंथी दलों के जीतने की उम्मीद जताई जा रही थी।
• प्रधानमंत्री मार्क रट की उदारवादी पार्टी ने चुनाव में गीर्त वील्डर्स की दक्षिणपंथी फ्रीडम पार्टी को पछाड़ दिया है। फ्रांस और जर्मनी में होने वाले चुनावों से पहले डच चुनाव में प्रवासी-विरोधी दलों पर नजरें टिकी थीं। 30 साल में सबसे ज्यादा 80.2 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इससे ईयू के पक्ष वाले उदारवादी दलों को लाभ हुआ।
• प्रधानमंत्री मार्क रट ने कहा कि गलत तरह की लोकप्रियता को जनता ने ठुकरा दिया है। बुधवार को हुए मतदान के लगभग सभी वोट गिनने पर साफ हो गया है कि मार्क लगातार तीसरी बार सरकार बनाएंगे। उन्होंने इस्लाम-विरोधी और ईयू-विरोधी एजेंडा चलाने वाले फ्रीडम पार्टी के नेता गीर्त वील्डर्स को संसदीय चुनावों में पीछे छोड़ दिया है।
• माना जा रहा था कि डच चुनाव में राष्ट्रवादी पार्टियों की जीत का असर फ्रांस और जर्मनी जैसे यूरोजोन देशों पर भी पड़ेगा।
Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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